कोशिका का प्रारंभिक इतिहास , कोशिका विज्ञान का इतिहास और उसके भाग, कोशिका सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया, जीन का कत्रिम संश्लेषण किसने किया
सर्वप्रथम 1665 में रॉबर्ट हुक वैज्ञानिक के अपने द्वारा तैयार किए गए संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में कॉर्क के एक पतले काट का अध्ययन किया। उन्होंने देखा की कॉर्क में मोटी भित्ति के बने खाली कोष्ठकों की स्पष्ट पंक्तियाँ हैं। उन्होंने प्रत्येक कक्ष के लिए कोशिका शब्द दिया। एण्टोनी वॉन ल्यूवेनहॉक ने शुक्राणुओं, रुधिर कोशिकाओं तथा प्रोटोजोआ को अपने द्वारा बनाये गए सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा। परकिन्जे ने सर्वप्रथम जीवद्रव्य शब्द दिया। 1831 में रॉबर्ट ब्राउन ने कोशिका के अंदर गोल रचना देखो जिसे केन्द्रक नाम दिया। सन् 1839 में श्लीडेन तथा श्वान ने कोशिका सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। 1850 में वाल्डेयर ने केन्द्रक में गुणसूत्रों का वर्णन किया। इसके बाद अच्छे प्रकार के सूक्ष्मदर्शी और अन्य तकनीकों के विकास द्वारा माइटोकॉण्ड्यिा, गॉल्जीकाय, लाइसोसोम्स, सेण्ट्रिओल्स तथा वैक्युओल्स आदि रचनाएँ प्रकाश में आयी। हरगोविंद खुराना ने जीन का कृत्रिम संश्लेषण किया। कोशिका विज्ञान के इतिहास को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है-(i) कोशिका तथा कोशिका विभाजन, (ii) साइटोजेनेटिक्स, (iii) तकनीक, (iv) आण्विक विज्ञान।
2 Comments
Nice Post
ReplyDeleteMiranda House University of Delhi – मिरण्डा हाउस एक गर्ल्स कॉलेज है ये दिल्ली यूनिवर्सिटी के लोथ कैम्पस मे स्थित है मिरण्डा हाउस की स्थापना सन् 1948 मे की गई थी। मिरण्डा हाउस को एन एस के द्वारा A+ ग्रेड दिया गया है। दिल्ली का मिरांडा हाउस Miranda House University of Delhi
Nice article thanks for this information
ReplyDeleteHello google aap kya kar rahe ho?
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